उज्जैन। 22 दिसंबर साल का सबसे छोटा दिन होगा। इस दिन सूर्य की रोशनी 10 घंटे 41 मिनट की रहेगी वहीं रात का अंधेरा 13 घंटे 19 मिनट का होगा। दिसंबर साल का आखिरी महीना होता है प्रतिवर्ष दिन छोटा होने की खगोलीय घटना होती है। 25 दिसंबर बाद धीरे-धीरे दिन बड़े होने की शुरूआत होने लगेगी।
जीवाजीराव वेधशाला अधीक्षक डॉ राजेंद्र कुमार गुप्त ने बताया कि दिन रात छोटे बड़े होने की घटना खगोलीय लिया है। 22 दिसंबर को दिन की अवधि 10 घंटे 41 मिनट रहने की वजह सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के परिभ्रमण की करण रहेगी। इस दिन सूर्य मकर रेखा पर लंबवत होगा, सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 15 विकला दक्षिण होगी। जिससे भारत सहित उत्तरी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। 22-23 दिसंबर की रात 13 घंटे 19 मिनट की गुजरेगी। इससे पहले 22 दिसंबर को सूर्योदय 7 बजकर 5 मिनट तथा सूर्यास्त 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। 22 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा एवं सूर्य की स्थिति मकर राशि में 0 अंश 39 कला एवं 20 विकला होगी। 22 दिसम्बर के बाद सूर्य की गति उत्तर की ओर दृष्टिगोचर होना प्रारम्भ हो जाती है. जिसे सायन उत्तरायन का प्रारम्भ कहते हैं। सूर्य की उत्तर की ओर गति होने के कारण अब उत्तरी गोलार्द्ध में दिन धीरे-धीरे बड़े होने लगेंगे तथा रात छोटी होने लगेगीं। 21 मार्च 2026 को सूर्य विषुवत रेखा पर लम्बवत् होगा। तब दिन-रात बराबर होंगे। वेधशाला अधीक्षक के अनुसार इस खगोलीय घटना को शंकु यन्त्र के माध्यम से प्रत्यक्ष देखा जा सकता है। इस दिन शंकु की छाया सबसे लम्बी होकर पूरे दिन मकर रेखा पर गमन करती हुई दृष्टिगोचर होगी। इस घटना को हम धूप होने पर ही देख सकेंगे। विज्ञान में रुचि रखने वाले दिन छोटा और रात बड़ी होने की अवधि को वेधशाला आकर यंत्रों के माध्यम से समझ सकते हैं।
10 घण्टे 41 मिनट का गुजरेगा 22 दिसम्बर का दिन
